क्या आप ऐसे पेड़ के बारे में जानते हैं जिसके पत्तों, टहनियों और फलों से होती है कमाई? खास बात यह है कि यह पेड़ रेगिस्तानी जमीन पर भी आसानी से उग सकता है। लेकिन इस पेड़ को उगाने के लिए किसान को जैविक खेती का सहारा लेना पड़ता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सहजन के पेड़ की। इसे मोरिंगा भी कहा जाता है. इसकी फलियों को ड्रम स्टिक कहा जाता है। सहजन की फली के परांठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पसंद हैं. उन्होंने एक चैनल से बातचीत के दौरान इसे बनाने की विधि बताई. उन्होंने कहा कि मैं इसके परांठे खुद बनाती थी और अब भी हफ्ते में एक या दो बार खाती हूं. यह पोषण के लिए बहुत फायदेमंद है.
ड्रम स्टिक परांठे कैसे बनाएं
सहजन की पत्तियां 1 कप, सहजन 2 कप कटी हुई, फिर दोनों को उबाल लें. – इसके बाद गेहूं का आटा लें, इसमें जीरा, हींग, धनिया, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और घी डालकर आटे को मिला लें, फिर इसके पत्तों और डंडियों को तोड़ लें. इसे आटे के साथ मिलाएं और परांठा बनाना शुरू करें. नागौर के ताकला गांव के किसान लिखमाराम ने कोराना में बागवानी की ओर रुख किया। किसान लिखमाराम ने यूट्यूब से सीखकर सहजन की खेती की. किसान ने बताया कि जब कोरोना का समय चल रहा था तो उन्होंने किसानों से बात करके सहजन की खेती की. इसके बाद सहजन की खेती के लिए जैविक विधि का सहारा लिया गया।
सहजन के पेड़ किसानों की आय का जरिया हैं
किसान लिखमाराम ने बताया कि यह पेड़ रेतीली मिट्टी में आसानी से उग जाता है। इस पेड़ की पत्तियों, फलों और तने की शाखाओं से आय प्राप्त की जा सकती है।
जानिए इस पेड़ के फायदे
इस पेड़ के फल यानी सहजन की फली में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। इसकी फली का सेवन सब्जी के रूप में या अचार के रूप में किया जा सकता है। इसकी पत्तियों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में किया जाता है। इसकी पत्तियों और टहनियों का उपयोग पशुओं का चारा बनाने में किया जाता है। इस प्रकार यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है।
किसान लिखमाराम ने यहां एम-4 किस्म का सहजन का पेड़ लगाया है। यहां कुल 100 से अधिक सहजन के पेड़ लगाए गए हैं। किसान ने बताया कि इसकी पत्तियां 100 रुपये प्रति किलो, फली 100 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिकती है. वहीं इस पेड़ की लकड़ी भी अच्छी कीमत पर बिकती है
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