छत्तीसगढ़भारतराज्य

यूनिफॉर्म और किताबों के साथ बच्चों को दिए पौधे और बीज, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश 

अनूठा शाला प्रवेश उत्सव : यूनिफॉर्म और किताबों के साथ बच्चों को दिए पौधे और बीज, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश 

धमतरी। राज्य के सभी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। इसी तरह शासकीय माध्यमिक शाला लुगे मगरलोड जिला धमतरी में भी विशेष तरीके से प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया। प्रवेश उत्सव में बच्चों को यूनिफॉर्म, कॉपी, किताब, पेन दी गई। सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए एक-एक पपीता का पौधा और सभी बच्चों को अच्छी क्वालिटी का 5-5 बीज जिसमें खीरा, ककड़ी, मक्का (भुट्टा), लौकी, तरोई, कद्दू, करेला, मुनगा इत्यादि भी वितरित किया गया।

विद्यार्थियों-शिक्षकों और समाजजनों ने पर्यावरण संरक्षण का एक संदेश दुनिया को दिया और सभी बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण जल, जमीन, और जीवों को बचाने के लिए शपथ ली। इसकी प्रेरणात्मक पहल साहू दंपति तुमनचंद और रंजीता साहू ने की। उनका कहना है कि, इस कार्यक्रम से बच्चे अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से जवाबदारी और कर्तव्यों को सीख पाएंगे और जैविक खेती के प्रति प्रेरित हो सकेंगे। बच्चे अभी छोटी जिम्मेदारी समझ सकेंगे और बाद में बड़ी भूमिका निभा पाने के लिए सक्षम हो सकेंगे। कृषि और उद्यानिकी की समझ विकसित हो सकेगा।

बच्चों को अपनी बाड़ी में सब्जियां उगाने के लिए किया प्रेरित

रंजीता साहू शिक्षिका ने यह अच्छी पहल स्कूल खुलते ही शुरू की। रंजीता साहू ने बच्चों को बताया कि, गांव के बच्चों में अक्सर क्रिएटिविटी करने की प्रबल इच्छा रहती है। हम लोग जब छोटे थे तो मां-पिता जी के साथ अपनी बाड़ी में बहुत प्रकार के बीज बोते थे और कुछ दिन में सब्जी निकलने लगती थी तो बहुत ख़ुशी होती थी। बच्चों ने अपनी पसंदीदा बीज पा कर कहा घर जा कर बाड़ी में लगाएंगे और कुछ दिन बाद फिर खायेंगे। गांव में लगभग हर घरों में एक छोटी बाड़ी होती है जो कि आर्थिक उन्नति की परिचायक होती है उसी से घर का सब्जी भाजी, फल, कंद-मूल निकलते हैं। परिवार को अच्छा भोजन की बाड़ी में उगाई गई सब्जियों से ही मिलता है।

प्रकृति का महत्व समझाया

रंजीता साहू ने कहा कि, ग्रामीणों के अर्थ का आधार बाड़ी है। इसलिए बाड़ी को समृद्ध बनाने में बच्चों की भूमिका अहम होगी। बाड़ी से निकलने वाली सब्जियां ग्रामीण जीविका का आधार हैं इससे घर की सब्जी तो निकलेगी और अधिक होगी तो बेच भी सकते हैं। सभी बच्चों को खेल-खेल में प्रकृति के करीब लाने और उसका महत्व समझाने के प्रयास से यह किया गया। हमारा अस्तित्व ही प्रकृति से है, हमें जो भी मिला है वह सब प्रकृति से मिला है। इसलिए पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। बच्चों को सिखाया गया कि, प्रकृति ही हमारा सब कुछ है और इसके संरक्षण करने की जिम्मेदारी हम सब की है। इसलिए शिक्षा की शुरुआत भी प्रकृति संरक्षण के साथ हुआ।

स्कूल खुलने के पहले दिन न्योता भोज कराया

सभी बच्चों को न्योता भोज में खीर-पूड़ी दी गई। कार्यक्रम का संचालन प्राथमिक स्कूल लुगे के प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक नरेन्द्र सिन्हा ने की। माध्यमिक स्कूल के प्रधान पाठक खिलेश्वर साहू ने सभी विद्यार्थियों का नए शिक्षण सत्र के लिए स्वागत किया। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों और पालकों का सफल कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान बच्चे, शिक्षक, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button