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किसानों के योगदान के बिना विकसित भारत का निर्माण असंभव

कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का शुभारंभ

कृषि निर्यात, आधुनिक ब्रीडिंग तकनीक एवं जैव विविधता पर कार्यशाला एवं संगोष्ठी

श्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत बनाने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। खेती-किसानी को आधुनिक बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाना छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने किसानों से धान की खेती के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेले एवं प्रदर्शनी के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थेउद्घाटन कार्यक्रम में 6 किसानों को मसूर की नई किस्म के मिनी किट प्रदान किये गये। एग्री कार्नीवाल में जॉब फेयर से चयनित 6 कृषि स्नातक विद्यार्थियों को भी विभिन्न कम्पनियों द्वारा आफर लेटर प्रदान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कॉफी टेबलबुक ‘‘अग्रसर’’ सहित अन्य कृषक उपयोगी प्रकाशनों का अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया। कृषि स्टार्टअप के युवा उद्यमियों को अनुदान राशि का चेक भी प्रदान किया गया। एग्री कार्नीवाल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 4 हजार किसान भाई-बहनों एवं लगभग 1 हजार विद्यार्थियों ने प्रक्षेत्र भ्रमण एवं प्रदर्शनी द्वारा कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।


    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में दूसरे दिन आज 23 अक्टूबर को ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर संगोष्ठी एवं ‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर कार्यशाला तथा ‘‘जैव विविधता पर प्रदर्शनी’’ एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।
‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में ईस्ट अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय राइस ब्रीडिंग प्रोगाम के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. एस.के. कटियार, उपस्थित हैं। इसमें छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के 211 वैज्ञानिकों एवं अनुसंधान कर्ताओं को मॉर्डन राइस ब्रीडिंग, स्पीड ब्रीडिंग, डेटा एनालिसिस पर जीवन्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे भविष्य की आवश्यकतानुसार नयी फसलों, किस्मों का विकास संभव हो सकेगा। इस कार्यशाला में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, मनीला, फिलीपींस, घाना, ईस्ट अफ्रीका के अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 400 उन्नतशील किसानों, युवा उद्यमियों, अनुसंधानकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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