
Dhamtari/Chhattisgarh News: ऐतिहासिक कर्णेश्वर मेला महोत्सव का आयोजन 12 फरवरी से 16 फरवरी तक किया जाएगा। रविवार को कर्णेश्वर ट्रस्ट की बैठक हुई। ट्रस्ट के अध्यक्ष विकल गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परंपरानुसार पांच दिवसीय मेला महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया गया। 11 फरवरी को शाम को कर्णेश्वर महादेव और चित्रोत्पला गंगा की पूजा-अर्चना के साथ मेला महोत्सव का शुभारंभ होगा। मध्य रात्रि से बलका और महानदी के संगम पर शाही पुन्नी स्नान होगा, जिसमें सिहावा क्षेत्र सहित ओडिशा और बस्तर के देवी-देवता अपनी प्रतिमाओं के साथ पहुंचेंगे, जिसके लिए व्यापक तैयारियों पर चर्चा की गई। 12 फरवरी को पूर्णिमा स्नान और 13 फरवरी को मड़ई का आयोजन होगा। परंपरानुसार इस दिन देवी-देवता मेला की परिक्रमा करेंगे।
बैठक में मेला के दौरान दुकानदारों से टैक्स नहीं लेने का निर्णय लिया गया। मंदिर परिसर में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा की गई। जिन्हें मेला से पहले पूरा करने को कहा गया। मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने के लिए भव्य झरना बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए पूर्व विधायक डॉ. लक्ष्मी लखन ध्रुव ने अस्सी हजार रुपए देने की घोषणा की। जिसका सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। ट्रस्ट अध्यक्ष विकल गुप्ता ने बताया कि ऐतिहासिक कर्णेश्वर मेला महोत्सव को हर वर्ष की भांति उत्तम बनाने के लिए ट्रस्ट द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। मेले के लिए लाइट माइक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंदिर परिसर में रंग-रोगन, पेयजल, भोजन व्यवस्था, कार पार्किंग, देवी-देवताओं के आमंत्रण आदि के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। मेले के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए 15 जनवरी को ट्रस्ट की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में कार पार्किंग और मीना बाजार के लिए नीलामी की जाएगी।