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CG Elections: कांग्रेस के महापौर नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने इसे सत्ता का दुरुपयोग

Chhattisgarh/Elections: नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन फार्म निरस्त होने और प्रत्याशियों द्वारा नामांकन फार्म वापस लेने के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस में पार्षद से लेकर महापौर प्रत्याशी तक सभी के नामांकन निरस्त किए जा रहे हैं। नतीजन कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध पार्षद चुने जा रहे हैं। धमतरी नगर निगम में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया है।

वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी के नेता झूठ और छल के सहारे राजनीति करते हैं और गलत जानकारी देकर नामांकन फार्म भरने के कारण स्क्रूटनी के समय फंस रहे हैं। 31 जनवरी नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। इससे पहले भी बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, दंतेवाड़ा और घाटघोरा के पांच वार्डों में कमल खिल चुका है। बता दें कि पिछली बार कांग्रेस प्रदेश के ज्यादातर निकायों में सबसे ताकतवर पार्टी थी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद सत्ता से बाहर हुए कांग्रेस के कई प्रत्याशी नामांकन फार्म भरने की प्रक्रिया में ही चुनावी मुकाबले से बाहर हो रहे हैं।

धमतरी में कांग्रेस के महापौर पद के अधिकृत प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस के अगले प्रत्याशी बागी होकर नामांकन फार्म भरने वाले युवा नेता तिलक सोनकर हो सकते हैं। दरअसल उन्होंने अपने नामांकन में निर्दलीय शब्द का उल्लेख करने की जगह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भरा है। ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी को भी तिलक सोनकर को अपना प्रत्याशी बनाना पड़ सकता है। बिलासपुर के वार्ड क्रमांक 13 दीनदयाल नगर से कांग्रेस के श्याम पटेल का नामांकन निरस्त होने के बाद भाजपा की नर्मदा पटेल निर्विरोध पार्षद चुनी गई हैं। इसे भितरघात का मामला मानते हुए कांग्रेस ने प्रत्याशी श्याम पटेल को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। आरोप है कि कांग्रेस प्रत्याशी ने जानबूझकर नामांकन में जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया। यह वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित है। कोरबा के वार्ड क्रमांक 18 से भी भाजपा के नरेंद्र देवांगन निर्विरोध जीते हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी हरीश कुमार ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

इसी तरह दुर्ग नगर निगम के वार्ड क्रमांक 21 में भाजपा प्रत्याशी विद्यावती सिंह भी निर्विरोध पार्षद चुनी गईं। कांग्रेस की मीरा सिंह ने अंतिम समय में अपना नामांकन वापस ले लिया। यह वार्ड सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित था और भाजपा ने इस सीट से अपने पूर्व पार्षद अरुण सिंह की मां विद्यावती सिंह को मैदान में उतारा था। कटघोरा नगर पालिका परिषद से भाजपा की शिवमती को सीधा वॉकओवर मिला। वार्ड क्रमांक 13 में कांग्रेस प्रत्याशी सीताबाई ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया। दंतेवाड़ा के बारसूर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक-एक मंगलपोट पारा से भाजपा की गीता बघेल निर्विरोध पार्षद चुनी गई हैं। कांग्रेस से टिकट लेने वाली और गीता बघेल की रिश्तेदार प्रिया पुजारी ने आपसी सहमति से चुनाव से नाम वापस ले लिया। इस वार्ड में लगातार चौथी बार निर्विरोध पार्षद चुने जाने की परंपरा जारी रही।

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