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लाइफ स्टाइल

रोजाना 10 मिनट तक इस तरह बैठने से कई बीमारियों से मिलती है राहत

योग से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है। कपालभाति और प्राणायाम के लिए सुखासन में बैठने की सलाह दी जाती है। जब हमारा शरीर वास्तव में सुखासन मुद्रा में बैठता है, तो शरीर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और तनाव गायब हो जाता है। इसलिए, आयुर्वेद सुखासन मुद्रा में बैठकर खाने की सलाह देता है। रोजाना 10 मिनट तक सुखासन मुद्रा में बैठने से कई फायदे मिलते हैं।

एकाग्रता बढ़ाने में करता है मदद
सुखासन की मुद्रा में हर रोज थोड़ी देर बैठने से दिमाग में एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। माइंड, बॉडी रिलैक्स होती है और स्ट्रेस, एंजायटी कम होती है।

शरीर का पोस्चर सही होता है
सुखासन की मुद्रा में रोज 10 से 20 मिनट बैठने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और शरीर का पोस्चर नहीं बिगड़ पाता। साथ ही पीठ की हड्डियों को मजबूती मिलती है।

पाचन होता है सही
सुखासन की मुद्रा में बैठकर अगर हर दिन खाना खाया जाए तो डाइजेशन सही होता है। दरअसल, सुखासन की मुद्रा में बैठने से लोअर एब्डॉमिन में ब्लड का फ्लो सही तरीके से हो पाता है और डाइजेशन में मदद मिलती है।

पैरों की मसल्स खुलती है
सुखासन की मुद्रा में बैठिने से हिप ओपन होते हैं और किसी भी तरह के नस के खिंचाव से छुटकारा मिलता है। ये पैरों और हिप की मसल्स को फ्लैक्सिबल बनाता है। पैरों को क्रॉस करके घुटने से मोड़कर बैठने से शरीर की टेंशन निकलती है और घुटने की मसल्स फ्लैक्सिबल हो जाती है।

होते हैं ये फायदे
सुखासन की मुद्रा में बैठने से ब्लड प्रेशर को डाउन करने में मदद मिलती है।
बच्चों की हाईट बढ़ने में मदद होती है।
सुखासन में बैठने से कंधे और सीने को ओपन होने में मदद मिलती है।

कैसे बैठे सुखासन की मुद्रा में
-सबसे पहले पैरों को आगे की तरफ करें और बैठ जाएं।
-फिर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने जांघ के नीचे दबाएं।
-फिर दाएं पैर को घुटने से मोड़कर बांए जांघ के नीचे दबाएं।
-बॉडी और पैर को एडजस्ट कर आराम से बैठ जाएं।
-अब, कमर, गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीथा करें।
-हथेलियों को जांघ के ऊपर रखें। कंधों को रिलैक्स रखें।
-आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
-कुछ मिनट इसी मुद्रा में बैठें।

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