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लाइफ स्टाइल

ब्राउन राइस से हो सकती है गंभीर बीमारियां

सदियों से भारतीय लोगों की पहली पसंद सफेद चावल ही रहा है लेकिन अब मार्केट में ब्लैक, ब्राउन, बैंबू ग्रीन, पिंक राइस की काफी वैरायटी आ गई है। इनके लिए ये दावा किया जाता है कि इनमें फैट व कैलोरी मात्रा कम होता है जिससे वजन कंट्रोल होता है। वहीं, इनमें पोषक तत्व भी ज्यादा होते हैं जो सफेद की तुलना में बीमारियों का खतरा कम करते हैं। यही वजह है कि लोग सफेद की बजाए इन्हें अपनी डाइट का हिस्सा बना रहे हैं, खासकर ब्राउन चावल को। हेल्थ कॉन्शियस लोग ब्राउन राइस को हैल्दी बड़े चाव से खाते हैं लेकिन हाल में एक रिसर्च ने दावा किया है कि ब्राइन राइस भी सेहत के लिए पूरी तरह से फायदेमंद नहीं है।

दरअसल, सफेद चावल को बनाने के लिए उसकी ऊपरी ब्राउन परत हटा दी जाती है, जिसमें कई पोषक तत्व होते हैं। सेहत के लिहाज से देखा जाए तो बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक ब्राउन राइस ही फायदेमंद होता है। इसे पॉलिश नहीं किया जाता, जिससे इसके मिनरल्स व बी-कॉम्प्लेक्स जैसे पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। मगर, इसमें एक ऐसा पोषक तत्व होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक है।

एक्सपर्ट की मानें तो इसमें फाइटिक एसिड नामक एंटी पोषक तत्व अधिक मात्रा में होता है। यह एंटी न्यूट्रिएंट एक यौगिक अलग-अलग प्लांट बेस्ड फूड्स में मिलता है, जो शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित होने से रोकता है। फाइटेट या फाइटिक एसिड नाम का यह तत्व सिर्फ ब्राउन राइस ही नहीं बल्कि फलियां, नट्स, बीज, और साबुत अनाज में भी पाया जाता है।

इस तरह से पहुंचाते हैं सेहत को बड़ा नुकसान:

रिपोर्ट के अनुसार, फाइटिक एसिड शरीर में आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और कैल्शियम के अवशोषण को सीमित या रोक कर देता है। इससे शरीर को ज्यादा पोषक तत्व नहीं मिल पाते। वहीं, आयरन और जिंक की कमी से हीमोग्लोबिन सही से नहीं बन पाता, जिससे आप एनीमिया के शिकार हो सकते हैं।वहीं, यह सफेद चावल की तुलना में देरी से पचता है जो पाचन के लिए सही नहीं है। हालांकि अभी भी इसके फायदे नुकसान से ज्यादा हैं।

इससे बचने के लिए एक्सपर्ट कहते हैं कि ब्राउन राइस को कम से कम 20-25 मिनट पहले हाई टेम्प्रेचर पानी में भिगो दें। फिर उसे साफ बार में कई धोकर पकाएं। हॉवर्ड हेल्थ के अनुसार, इसे भिगोया या अंकुरित करने से फाइटिक एसिड लेवल कुछ कम हो जाता है। वहीँ बेशक ब्राउन राइस सेहतमंद है लेकिन फाइटिक एसिड पोषक तत्वों की कमी के लिए जिम्मेदार है ऐसे में इसे कभी- कभी खाना ही सेहत के लिए फायदेमंद होगा।

 

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जागरूक नेशन पर बने रहे।

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