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बिहार: MID अगले 5 दिनों तक ठिठुरन बने रहने की संभावना जतायी

Bihar: शनिवार को लगातार चौथे दिन भी आसमान में बादल छाए रहे। स्थिति यह रही कि दोपहर एक बजे लोगों को बादलों में छिपे सूर्यदेव के दर्शन तो हुए, लेकिन इस दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा भी चलती रही। दोपहर तीन बजे ठंडी हवाएं चलने से फिर ठंड बढ़ गई। इधर तापमान में भी गिरावट जारी है। शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र के लघु मौसम मापक केंद्र पर न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं दिन का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा। उधर मौसम विज्ञानियों ने अगले पांच दिन तक ठिठुरन बनी रहने की संभावना जताई है।

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण फिलहाल ठंड बरकरार रहेगी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार दो दिन बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसमें उत्तर की घाटियों में बर्फबारी जारी है, जिसके कारण ठंड और ठिठुरन काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में ठिठुरन का अहसास दिन के पारे पर निर्भर करता है। शनिवार को एक बार तो दोपहर 1.19 बजे बादलों को चीरकर तेजी से धरती पर सूरज की रोशनी पड़ती दिखी, लेकिन 10 मिनट के अंदर ही फिर बादलों में ओझल हो गई। दूसरी बार दोपहर 2 बजे करीब एक घंटे तक सूरज के दर्शन हुए, लेकिन गर्मी का असर लगभग न के बराबर रहा। उधर, सुबह में घना कोहरा छाया रहा, जो हवा चलने के कारण करीब 10 बजे कमजोर पड़ गया, लेकिन आसमान में छाई जलवाष्प की संघनित बूंदों के कारण दोपहर 12 बजे से पहले सूरज के दर्शन नहीं हो सके। इनसेट : सब्जी की फसलों पर ठंड की मार, किसानों की चिंता बढ़ी भभुआ सदर।

पिछले चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और इस बीच धूप नहीं निकलने के कारण खेतों में लगी सब्जी की फसलें अब ठंड की मार झेलने लगी हैं। ठंड के कारण आलू की फसल झुलसा रोग से प्रभावित होने लगी है। वहीं टमाटर, सरसों व प्याज की नर्सरी पर भी ठंड का असर दिखने लगा है। ठंड के कारण गोभी के फूल और पत्ते भी मुरझाने लगे हैं, जिससे सब्जी किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। किसान अपनी सब्जी की फसल को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं, दिन में बादलों के कारण सूर्य की रोशनी नहीं निकल पा रही है। गौरतलब है कि भभुआ अनुमंडल क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं। इस समय खेतों में गोभी, बैगन, साग, टमाटर और आलू की फसल लहलहा रही है। इधर, स्थानीय स्तर पर तैयार गोभी की आवक भी बाजार में बढ़ने लगी थी, लेकिन इसी बीच मौसम का मिजाज बदल गया है, पिछले चार दिनों से ठंड का असर बढ़ गया है। दिनभर आसमान में बादल छाए रहने के कारण सूर्य नहीं निकल रहा है।

दिनभर बादलों और सूर्य की किरणों के बीच लुकाछिपी चल रही है, हवाएं भी सर्द हो गई हैं किसान दिनेश सिंह, लालजी सिंह, भरत बिंद, दीपनारायण राम ने बताया कि जिन सब्जियों के पत्तों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जैसे आलू, टमाटर, प्याज की नर्सरी, पपीता और सरसों के फूल, उन पर ठंड का असर पड़ रहा है। ठंड से सबसे ज्यादा आलू और प्याज की नर्सरी प्रभावित हुई है। आलू की फसल झुलसा रोग से प्रभावित हो सकती है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। = ठंड से बचाने के लिए किसान खेतों के चारों ओर धुआं करें। कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार ने बताया कि ठंड से बचाने के लिए किसान आलू, टमाटर और प्याज की नर्सरी के खेतों के चारों ओर धुआं करें। चार से पांच दिनों के अंतराल पर शाम के समय थोड़ी सिंचाई करें। रिडोमिल नामक पाउडर की दो ग्राम दवा को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या डाइथेन एम-45 नामक दवा का छिड़काव करने से फसल को पाला या झुलसा के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

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