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Breaking News: महाकुंभ में भगदड़ और भारी भीड़ के कारण अमृत स्नान रद्द

Uttar Pradesh/Mahakumbh2025: महाकुंभ क्षेत्र में भगदड़ की घटना को लेकर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि यह दुखद है। जो भी हुआ वह ठीक नहीं था। जनहित को ध्यान में रखते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को निरस्त करने का निर्णय लिया है। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने लोगों से अपील की है कि वह त्रिवेणी में स्नान करने के मोह में न पड़ें, जहां हैं वहीं से स्नान करें। उन्होंने अखाड़ों से अपील की कि वह आज का अमृत स्नान न करें। जो लोग जिस शिविर में हैं, वहीं रहें।

वहीं कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जो जहां हैं, वहीं स्नान करें, इसके लिए संगम नोज आने की जरूरत नहीं है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा संरक्षक महंत हरि गिरि ने अपील की है कि लोग जहां भी हैं, वहीं से गंगा स्नान कर अपने घर लौट जाएं। महाकुंभ में भगदड़ के बाद महंत ने कहा कि प्रयागराज की सीमा के अंदर हों या बाहर, गंगा में स्नान करने से समान पुण्य मिलेगा। हादसे के बाद जहां अखाड़ों ने अमृत स्नान को रद्द कर दिया है, वहीं लोग अभी भी पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और मनाही के बावजूद लगातार संगम की ओर बढ़ रहे हैं।

संगम तट के पास मची भगदड़ और घटना से जुड़ी जानकारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी से बात की है। प्रधानमंत्री ने घटना की समीक्षा की और तत्काल राहत उपाय करने को कहा।

बताया जा रहा है कि मेले में मची भगदड़ से जुड़ी जानकारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी से बात की है। हादसे के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान को स्थगित कर दिया है और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। प्रशासन के मुताबिक अब स्थिति नियंत्रण में है।

पंचायती महानिर्वाणी के कुछ देवता आगे बढ़ गए। भीड़ अधिक होने के कारण स्थिति उचित नहीं लग रही थी। इसलिए अखाड़ों ने महामंडलेश्वरों के लिए स्नान रोक दिया है…

मेले में मची भगदड़ और भारी भीड़ के कारण अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द कर दिया गया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि जो घटना हुई उससे हम दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे… जनहित में हमने निर्णय लिया कि अखाड़े आज स्नान में भाग नहीं लेंगे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पर जाना चाहते थे। इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए। यह प्रशासन की गलती नहीं है, करोड़ों लोगों को संभालना आसान नहीं है। हमें अधिकारियों का सहयोग करना चाहिए। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु निराश हैं क्योंकि मेला क्षेत्र में भारी भीड़ के कारण वे अमृत स्नान नहीं कर सके।

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