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छत्तीसगढ़

मकान में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का रायपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश, महिला डॉक्टर ने की थी शिकायत

रायपुर। छग की रायपुर पुलिस (Raipur Police) ने दिल्ली में रेड मारकर मकान में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर (fake call center) का पर्दाफाश किया है. दरअसल महिला ने पंडरी थाने (Pandri Police Station) में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह पेशे से डॉक्टर है। प्रार्थिया का परिचय मैट्रीमोनियल साईट (matrimonial site) के माध्यम से विकास कुमार नामक व्यक्ति निवासी स्कॉटलैण्ड से हुई तथा दोनों के मध्य व्हाट्सएप कॉल (whatsapp call) के माध्यम से 14 अप्रैल से बातचीत प्रारंभ हुई। विकास कुमार एवं प्रार्थिया दोनों आपस में बात कर विवाह करने हेतु तैयार हुए तथा विकास कुमार द्वारा प्रार्थिया को बताया गया कि उसकी एक पुत्री है। इसी दौरान विकास कुमार ने महिला को कहा कि वह विवाह हेतु तथा उसकी पुत्री के जन्मदिन के अवसर पर पार्सल के माध्यम से गिफ्ट भेज रहा है, कि 24 अप्रैल को मोबाईल नंबर 917428526216 के अज्ञात धारक ने प्रार्थिया के मोबाईल फोन पर फोन कर स्वयं को कस्टम विभाग से होना कहकर पार्सल रिसीव हेतु 35,000/- रूपये की मांग किया जिस पर प्रार्थिया द्वारा उसके बताये बैंक खाते में 35,000/-रूपये जमा कर दिया गया तथा मोबाईल फोन के धारक ने पुनः प्रार्थिया के मोबाईल फोन में फोन कर कहा कि आपके पार्सल में विदेशी मुद्रा भी आया है जिसका पेनाल्टी देना पड़ेगा जिस पर प्रार्थिया ने उनके बताये बैंक खाता में रकम जमा कर दिया। इसी प्रकार मोबाईल नंबर 9233786989 के धारक ने प्रार्थिया के मोबाईल नंबर में फोन कर पेनाल्टी के नाम पर पुनः रकम की मांग किया जिस पर प्रार्थिया द्वारा उनके बताये खाते में रकम जमा किया गया। इस प्रकार प्रार्थिया द्वारा अलग – अलग तिथियों, किश्तों व बैंक खातों में कुल 13,55,000/- रूपये जमा किया गया। परंतु मोबाईल नंबर के धारकों द्वारा प्रार्थिया को डरा धमकाकर और रूपयों की मांग की जा रहीं थीं, जिस पर प्रार्थिया को स्वयं के साथ ठगी होने का एहसास हुआ कि प्रार्थिया की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना पंडरी में अपराध क्रमांक 152/23 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

जिस पर एसएसपी के निर्देश पर गठित पुलिस टीम द्वारा इस तरह के तरीका वारदात के आधार पर अपराध घटित करने वाले नाइजीरियन गिरोह पर फोकस करते हुये कार्य प्रारंभ किया गया। आरोपी एवं प्रार्थिया के मध्य मैट्रीमोनियल के जिस आई.डी. व मैसेज तथा मोबाईल नंबरों के माध्यम से बातचीत हुई थी उक्त आई.डी. एवं मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ-साथ प्रार्थिया द्वारा बताये गये बैंक खाते, जिनमें प्रार्थिया द्वारा पैसे जमा किये गये थे, के संबंध में भी बैंक से जानकारी प्राप्त की गई। अज्ञात आरोपियों के संबंध में प्राप्त उक्त सभी तथ्यों, जानकारी एवं साक्ष्यों का लगातार विश्लेषण करते हुये अज्ञात आरोपियों की लोकेशन चिन्ह्ांकित करने में सफलता प्राप्त हुई तथा आरोपियों की उपस्थिति दिल्ली के द्वारिका में होना पाया गया। प्राप्त लोकेशन के आधार पर 06 सदस्यीय टीम को दिल्ली रवाना किया गया। दिल्ली में कैम्प कर रही टीम को तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों के दिल्ली के सैनिक विहार कालोनी मोहन गार्डन में निवास करने के संबंध में अहम सुराग प्राप्त हुआ। जिस पर टीम ने तत्काल बिना समय गंवाये आरोपियों के मकान में रेड कार्यवाही किया गया। रेड कार्यवाही के दौरान मकान में 03 विदेशी नागरिक उपस्थित थे तथा उनके द्वारा कमरे में कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था। टीम के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने पर विदेशी नागरिकों द्वारा अपना नाम ईमानुअल एवं पोलिनुस निवासी नाइजीरिया तथा अगस्टीन निवासी बेनिन का होना बताया गया। तीनों से कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा प्रार्थिया को अपने झांसे में लेकर गिफ्ट भेजने का प्रलोभन देकर प्रार्थिया से लाखों रूपये की ठगी की उक्त घटना को कारित करना स्वीकार किया गया। 
 
आरोपी ईमानुअल एवं पोलिनुस मूलतः नाइजीरिया तथा अगस्टीन बेनिन देश का निवासी है जो वर्तमान में दिल्ली में सैनिक विहार कालोनी मोहन गार्डन स्थित एक मकान में निवासरत थे। पूछताछ में आरोपियों द्वारा अपने मकान में कॉल सेंटर संचालित कर संपूर्ण भारत में सैकडों महिलाओं को अपने झांसे में लेकर प्रलोभन देकर करोड़ो रूपये की ठगी करना बताया गया है। आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाया गया है। 

आरोपी ईमानुअल एवं पोलिनुस की विजा अवधि वर्तमान में समाप्त हो गयी है जो दिल्ली में अवैध रूप से निवासरत थे, जिस पर दोनों आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण में पृथक से 14 विदेशी अधिनियम दर्ज करने के साथ ही तीनों आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण में धारा 34 भादवि. एवं 66डी आई.टी. एक्ट भी जोड़ा गया है। 

आरोपी ईमानुअल एवं पोलिनुस पूर्व में भी विजा अवधि समाप्त होने पर दिल्ली में अवैध रूप से निवास कर रहे थे, जिस पर दिल्ली पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों के विरूद्ध विदेशी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर दोनों को जेल भेजा गया था।

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