Home
🔍
Search
Add
👤
Profile
Newsछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ की संस्कृति

छत्तीसगढ़ में है, दीपावली की अनूठी परंपरा

ग्वाला दिवाली की रात गौ माता को जगाने घर घर जाता है फिर गोवर्धन पूजा के दिन होती है गांवों में दिवाली

देश में दीपावाली का पर्व मनाया गया लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी दीपावली का पर्व मनाया जाना बाकी है । यहां पर दिवाली की अनूठी परंपरा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है , ग्वाला दीपावली की रात घर घर जाकर गौ माता (गाय ) को जगाने के लिए कुछ मंत्र जिसे छत्तीसगढ़ी में दोहा कह सकते हैं पढ़ता है , फिर एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की रात गाय को मोर पंख से बनी हुई “सोहई” पहनाएगा तभी होगी ,छत्तीसगढ़ के गांव में असली दिवाली ,आज केवल प्रकाश पर्व है रोशनी की गई है लक्ष्मी की पूजा होगी । देखिए गाय जगाने का वीडियो.

छत्तीसगढ़ में असली दीपावली गोवर्धन पूजा के दिन ही मनेगी आज दीपदान और लक्ष्मी पूजा होगी, पटाखे फूटेंगे । आज के दौर में गाय के प्रति श्रद्धा और आस्था कितनी गहरी है , छत्तीसगढ़ की गोवर्धन पूजा परंपरा और पद्धति को देखकर समझा जा सकता है l गाय की सींग पर पेंटिंग की जाती है उसे नहलाकर ,खीर पूड़ी और विशेष पकवान खिलाए जाते हैं । गोबर से बनी भगवान श्रीकृष्ण अर्थात गोवर्धन की पूजा होती है।पांच तरह की सब्जियों को मिलाकर एक सब्जी बनाई जाती है जिसे “पंच मिंझरा ” सब्जी भी कहते हैं । बनाई जाती है। इस तरह से दीपावली मनाई जाती है । गौ पूजन होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button