बारिश में बीमारियों से रहें सावधान, मच्छर जनित रोगों की बढ़ सकती हैं संभावना
रायपुर। बारिश में बीमारियों से रहें सावधान, मच्छर जनित रोगों की संभावना बढ़ सकती हैं। जून के अंत तक प्रायः देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ जाता है। हालांकि मानसून के शुरूआती दिनों में कभी धूप, कभी बारिश की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है। वातावरण में आर्द्रता की शुरूआत के साथ ही कई प्रकार के रोग भी पनपने शुरू हो जाते हैं। यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है, जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि बदलते मौसम के मद्देनजर सभी लोगों को अपनी सेहत के प्रति विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी भी लापरवाही बीमार कर सकती है। बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, फंगल इन्फेक्शन, हेपेटाइटिस और टायफाइड जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है। बारिश के दिनों में गड्ढों में भरे हुए पानी को मच्छरों के प्रजनन के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए।
मानसून में सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक आम सर्दी यानि कॉमन कोल्ड है। यह नम और उमस भरे मौसम में पनपने वाले वायरस की वजह से होता है। लंबे समय तक गीले कपड़े पहनने या लगातार बारिश के पानी में भीगने से सर्दी, बुखार, खांसी व फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बरसात के मौसम में तापमान में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है। सतर्क रहे सुरक्षित रहे और अपने आस पास सफाई बनाए रखे।