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विज्ञान

स्‍टूडेंट्स के आइडिया से ISRO बनाएगी स्‍पेस रोबोट

 स्‍पेस रोबोट; भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपनी कई परियोजनाओं में विज्ञान के छात्रों को भी शामिल करती है। छात्र अलग-अलग तरीके से इसरो के मिशन से जुड़ते हैं। इसी कड़ी में इसरो एक अंतरिक्ष प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है. इस परियोजना के हिस्से के रूप में, युवाओं को सभी इलाके के रोबोटों के लिए विचार और परियोजनाएं प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। याद दिला दें कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर रोबोटिक मिशन की तैयारी में है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो का यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) एक स्‍पेस रोबोटिक्स कॉम्पिटिशन का आयोजन करेगा। इसी के तहत युवाओं से फ्यूचर मिशन के लिए रोबोटिक रोवर्स के आइडिया और डिजाइन भेजने को कहा गया है। इसरो का मानना है कि ऐसी प्रतियोगिताओं से इंटर-प्‍लैनेटरी मिशन्‍स के लिए युवाओं में क्रिएटिव सोच को डेवलप किया जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में इसरो ने कहा कि स्‍पेस रोबोटिक्स के क्षेत्र में छात्रों को अवसर देने के लिए, ‘इसरो रोबोटिक्स चैलेंज-यूआरएससी 2024 (आईआरओसी-यू 2024)’ का आयोजन किया जाएगा। इसकी टैगलाइन होगी‘आओ एक अंतरिक्ष रोबोट बनाएं’। इसरो ने कहा है कि फाइनल कॉम्पिटिशन अगस्त 2024 में यूआरएससी के बंगलूरू परिसर में होगा।

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए स्‍टूडेंट्स 20 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच अपने प्रपोजल के साथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म जमा कर सकते हैं। ज्‍यादा जानकारी के लिए इस वेबसाइट https://www.ursc.gov.in/IRoC-U2024/index.jsp पर क्लिक करके इन्‍फर्मेशन पाई जा सकती है।चंद्रयान-3 मिशन ने इसरो की साख को पूरी दुनिया में बढ़ाया है। भारत दुनिया का पहला देश बन गया था, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की थी। इसरो की कामयाबी ने देश के छात्रों को साइंस के क्षेत्र में कर‍ियर बनाने के लिए उत्‍साहित किया है। उम्‍मीद की जानी चाहिए कि इसरो की इस पहल को छात्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा।

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