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लाइफ स्टाइल

Lifestyle: मध्यप्रदेश में मिलते है अलग किस्म के बेर

लाइफस्टाइल(Lifestyle):सर्दियों का मौसम आ गया है और यही वह समय है जब बाजार में हर तरह की सब्जियां और फल उपलब्ध होते हैं। इस मौसम में खट्टे-मीठे आलूबुखारे भी आते हैं। आलूबुखारा न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। प्लम धीरे-धीरे बाज़ार में आ रहे हैं, इसलिए मैं आपको कुछ विशेष और दुर्लभ प्लम से परिचित कराना चाहता हूँ जो सामान्य बाज़ार में बिकने वाले प्लम से बहुत अलग हैं। यह बेरी दुर्लभ और खास है, इसलिए हम आपको इसके बारे में कुछ खास बताएंगे।

त्रिलोक में बेर का वृक्ष कहाँ है:
त्रिलोक बार मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित है और यहां के निवासियों के मुताबिक यह 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। बेर का यह पेड़ आज भी हरा है और हर मौसम में फल देता है। यह बेर का पेड़ भोपाल के इंटेकखेड़ी में स्थित है और विशेष संरक्षण में है। कहा जाता है कि इस प्रकार का त्रिलोकबर वृक्ष दुर्लभ होता है। त्रिलोक प्लम अपने मीठे स्वाद के कारण विशेष रूप से मांग में हैं।

इस प्रकार का त्रिलोकबार अत्यंत दुर्लभ है और हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। कहा जाता है कि यह त्रिलोक बेल वृक्ष 100 वर्ष पूर्व जगदीशपुर के एक मंदिर में था। बेर का पेड़ (बेर खाना फायदेमंद होता है) मंदिर परिसर में होने के कारण पड़ोसियों ने इस बेर का नाम ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम पर रख दिया। प्रसाद को प्रसाद के रूप में खाया जाता है और ग्रामीणों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

बेर की यह किस्म इतनी दुर्लभ क्यों है:
जहां तक ​​बेर की इस किस्म की बात है तो भोपाल की जलवायु को देखते हुए इस किस्म का प्रदर्शन अच्छा माना जाता है, लेकिन लगातार पेड़ों की कटाई के कारण इस किस्म के फल दुर्लभ होते जा रहे हैं। इस बेर की खास बात यह है कि इसकी शेल्फ लाइफ अन्य बेर की तुलना में अधिक है और इसे कमरे के तापमान पर 10 से 12 दिनों तक संग्रहीत किया जा सकता है। त्रिलोक प्लम की सुगंध बहुत विविध और उत्कृष्ट है, और इसका अनोखा स्वाद आपको इस फल को और अधिक खाने के लिए प्रेरित करता है। त्रिलोक बेर के वजन की बात करें तो इसके एक फल का वजन 30-40 ग्राम होता है।

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