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Featureव्यापार

अब ग्राहक को कर्ज देते समय बैंक को देनी होंगी सभी जानकारियां

बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को एक अक्तूबर से खुदरा एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ब्याज व अन्य लागत समेत ऋण समझौते के बारे में पूरी जानकारी (केएफएस) देनी होगी। इसमें मौजूदा ग्राहकों को दिए गए नए कर्ज भी शामिल हैं। आरबीआई का यह निर्देश उसके नियमन के दायरे में आने वाले सभी इकाइयों (आरई) की ओर से दिए जाने वाले खुदरा व एमएसएमई टर्म लोन पर लागू होगा।

बैंक ने सोमवार को कहा कि कर्ज के लिए केएफएस पर निर्देशों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला आरबीआई के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के उत्पादों को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने और सूचना की कमी को दूर करने के लिए किया गया है। इससे कर्ज लेने वाले भी सोच-समझकर वित्तीय निर्णय कर सकेंगे। केएफएस सरल भाषा में कर्ज समझौते के मुख्य तथ्यों का विवरण है। यह कर्ज लेने वालों को मानकीकृत प्रारूप में दिया जाता है।

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