Pithampur: यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान को लेकर 2 लोगों ने खुद को आग लगा ली, वीडियो

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के निपटान की योजना के खिलाफ बंद के आह्वान के बीच शुक्रवार को दो लोगों ने खुद को आग लगा ली, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रत्यक्षदर्शियों और घटनास्थल पर बनाए गए वीडियो के अनुसार धार जिले के शहर में कचरे के निपटान के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने अपने शरीर पर कुछ तरल पदार्थ डाला और खुद को आग लगा ली।
This is horrible. While sloganeering against the dumping of contaminated garbage, two protesters poured petrol on themselves.
— ᴋᴀᴍʟᴇsʜ sɪɴɢʜ / tau (@kamleshksingh) January 3, 2025
Somebody in the crowd lit them. Pithampur, MP pic.twitter.com/uqKUUOdzOq
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों व्यक्तियों की उम्र करीब 40 वर्ष थी और उन्हें इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर पीथमपुर के एक अस्पताल में ले जाया गया। धार के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने पीथमपुर बस स्टैंड के पास एक विरोध स्थल से फोन पर पीटीआई को बताया, “स्थानीय सुविधा से उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है। दोनों खतरे से बाहर हैं। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनावपूर्ण है।” उन्होंने बताया कि शहर में अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए। मध्य प्रदेश में दुकानें और बाजार बंद
पीथमपुर बचाओ समिति द्वारा आहूत बंद के दौरान कस्बे में दुकानें और बाजार बंद रहे। समिति का दावा है कि इलाके में कार्बाइड कचरे को जलाने की योजना से स्थानीय लोगों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा।
पीथमपुर की आबादी करीब 1.75 लाख है और इसके औद्योगिक क्षेत्र में तीन सेक्टरों में करीब 700 कारखाने हैं।
2-3 दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिससे कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
अधिकारियों ने वैज्ञानिक निपटान के लिए कार्बाइड फैक्ट्री से 337 टन कचरे को पीथमपुर स्थानांतरित कर दिया है, हालांकि इस कदम से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। भोपाल से सामग्री गुरुवार को पीथमपुर में एक भस्मीकरण इकाई में पहुंची।