एक अध्ययन से पता चला है कि चीन, जापान और भारत जैसे देशों में मिलने वाले शाकाहारी और पारंपरिक भोजन अल्जाइमर रोग के खतरे को कम कर सकते हैं, खासकर पश्चिमी देशों के भोजन की तुलना में। अमेरिकी संस्था ‘सनलाइट, बिजनेसिशन एंड हेल्थ रिसर्च सेंटर’ के अध्ययन से पता चला कि देश में पोषण युक्त भोजन को पश्चिमी भोजन में बदला जा रहा है, जिससे अल्जाइमर रोग भी बढ़ रहा है। ‘जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज’ में प्रकाशित अध्ययन में अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने में आहार की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया है।
इस अध्ययन में मनोभ्रम के खतरे के टुकड़ों की पहचान की गई है, जिसमें बांस, मांस, विशेष रूप से हैम्बर्गर और बारबेक्यू जैसे कच्चा मांस, साथ ही हॉट डॉग जैसे प्रसंस्कृत मांस और अधिक मात्रा में चीनी और परिष्कृत अनाज वाले अत्याधिक-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं। पदार्थों का अधिक सेवन करना शामिल हैं। अध्ययन में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि आखिर क्यों कुछ खाद्य पदार्थ अल्जाइमर रोग के खतरे को कम या कम करते हैं।
उदाहरण के लिए, मांस का सेवन सूजन-जलन, प्लाज्मा प्रतिरोध, आयोडीन युक्त तनाव, पोटेशियम क्लोराइड के उदाहरण, उन्नत ग्लाइकोनिक अंत उत्पाद और ट्राइमेथिलीन एन-ऑक्साइड जैसे खतरे के खतरे को मनोभ्रम के खतरे को और अधिक तेजी से देता है। इसमें यह भी बताया गया है कि शाकाहारी भोजन जैसे कि पत्तेदार हरी सब्जियां, फल, फलियां (जैसे पिसा), बादाम, और साबुत अनाज अल्जाइमर रोग से हमें बचने का एक तरीका बताएं। उन्होंने कहा कि अत्याधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और मधुमेह के खतरे बढ़ सकते हैं, जो अल्जाइमर रोग के लिए जोखिम कारक हैं।