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महिलाये बन रही है मजदुर से उद्यमी, रीपा योजना से सुधर रही है उनकी आर्थिक स्थिति

बलरामपुर। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गावों में निर्मित गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एक नई पहचान मिल रही है। शासन के द्वारा गौठानों को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर विभिन्न प्रकार की रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है।

रूरल इंस्ट्रियल पार्क (रीपा) के बनने से कई सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कभी दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाली महिलाएं अब अपने गावं में हीं गौठानों और रीपा के माध्यम से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रही हैं।

यहां महिलाएं दोना-पत्तल निर्माण कर लगभग 01 लाख 60 हजार रूपये की आय प्राप्त किए हैं, जिसमें उन्हें लगभग 24 हजार रूपये का लाभ प्राप्त हुआ है। दोना पत्तल निर्माण करने वाली मां कुदरगढ़ी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य प्रभा देवी ने बताया कि समूह से जुड़ने से पूर्व वह आजीविका के लिए अपने पति के साथ कृषि व मजदूरी का कार्य करती थी.

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